tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post6195464238342880876..comments2024-03-11T15:32:30.331+05:30Comments on मुसाफिर हूँ यारों: मियागाम करजन से मोटी कोरल और मालसरनीरज मुसाफ़िरhttp://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-82696581979795415462016-05-24T03:55:27.526+05:302016-05-24T03:55:27.526+05:30इस तरह की posts मेरी favorite होती है, जो एक अपनी ...इस तरह की posts मेरी favorite होती है, जो एक अपनी ही pace से, एक अपनी ही लेय में चलती है <br /><br />बहुत कुछ बताया आपने इस पोस्ट में जो की आम ज़िन्दगी में हम कभी जान ही नहीं सकते थे<br />बिलकुल दिल के करीब लग्गी यह पोस्ट. <br /><br />शुक्रिया , घूमते रहिये, और हमें भी घूमते रहिये :-)<br />Stonehttps://www.blogger.com/profile/16053118951693455094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-53591297702205566652016-05-23T10:11:38.894+05:302016-05-23T10:11:38.894+05:30good !..good !..विजयकुमार भवारी https://www.blogger.com/profile/14935851368745967586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-66644996439976155792016-05-23T08:24:20.860+05:302016-05-23T08:24:20.860+05:30रोचक पोस्ट और अद्भुत फोटो की भरमार और इस वीरान एरि...रोचक पोस्ट और अद्भुत फोटो की भरमार और इस वीरान एरिया की जीती जागती तस्वीर ने इस पोस्ट मे जान डाल दिया । उस समय दूर दराज से रेल गाड़ियो को जोड़ने का तीन मुख्य मकसद था । पहला वहाँ के किसानो की कपास की उपज को मियागाम तक लाना और यहाँ से बड़ी लाइन की रेलगाड़ी से बंबई भेजवाना और फिर बंबई से समूद्री जहाज से ब्रिटेन या इंगलेंड भेजना। दूसरा मकसद था किसानो के फसलों और जानवरो की चारा या घास को यान मंडी मे पहुचाना । तीसरा कारण लोगो को यातायात या परिवहन की नजरिया से सभी को बड़ी लाइन की रेल गाड़ी से जोड़ना। जहां तक वरगद के पेड़ की बात है पूरे वरोदरा मे यह पेड़ सब जगह मिलिंगे क्योकि यह भी गायकवाड राजाओ की दें है और इसी के कारण वडोदरा नाम पड़ा ।VIMLESH CHANDRA - RAILWAY WRITERhttps://www.blogger.com/profile/05169901862711497657noreply@blogger.com