tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post2258448851200811278..comments2024-03-11T15:32:30.331+05:30Comments on मुसाफिर हूँ यारों: खिर्सू के नज़ारेनीरज मुसाफ़िरhttp://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-67223323791981651102017-09-23T21:13:37.497+05:302017-09-23T21:13:37.497+05:30रास्ते में एक गाँव पड़ा - चोपट्टा। हमने आज की यात्र...रास्ते में एक गाँव पड़ा - चोपट्टा। हमने आज की यात्रा का नाम रखा - चोपट्टा से चोपता तक। <br /> दरअसल आपकी गलती नहीं है उसे स्थानीय भाषा में चोबट्टा लिखा और पढ़ा जाता है गड्वाली में चोबट्टा का मतलब है जहाँ चार रास्ते मिलते है हमारे शेहरों में इसे चोराहा कहा जाता है मेरठ में इसे चोपला कहा जाता है और गड़वाल में इसे चोबट्टा कहा जाता है चोबट्टा खाल तो जब आप पौड़ी से श्रीनगर जाने के लिए इस रास्ते से जा रहे थे तो आपने लम्बा रस्ता चुना सीधा रास्ता 29 किलोमीटर है हालाकि उसमे गंगा दर्शन के आलवा और कुछ नहीं है सिवाय मेरे गाँव जाने की सड़क के लेकिन जिस रास्ते पर आप चल रहे हो उसे में हार्ट लाइन कहुगा ट्री लाइन से मिलता जुलता क्योकि उस रास्ते पर मेरी नानी का गाँव है मसूर सायद आप उससे थोडा पहले देवेलगढ़ के लिए मुड गए श्रीनगर जाने के लिए तो आपने क्या मिस किया मेरे नजरिये से गड़वाल का या कहे उत्तराखंड का सबसे बड़ा गाँव सुमाडी बहुत बड़ा गाँव है किसी से पूछ लेना समय के साथ विरोधाभास हो गया है लेकिन ज्यदा नहीं सिर्फ एक दो गाँव और है जो कहते है हमारा गाँव बड़ा है निसणी और उजेड़ी बचपन में सुना था की सुमाडी से बारह आई ए एस है भारत सरकार में है खैर देवेलगढ़ की कहानी भी मशहूर है कभी सुनाएंगे फुर्सत में तो आप मेरी हार्ट लाइन से गुजर रहे थे नानी का मतलब तो बखूबी समझते होंगे बचपन में और आज भी आखो से पानी आ जाता है नानी का घर छोड़ते हुए हालाकि आज नानी जिंदा नहीं है ....कैलाश बहुगुणाhttps://www.blogger.com/profile/17722480237925224309noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-27631412240031412852016-11-25T10:56:05.891+05:302016-11-25T10:56:05.891+05:30Neeraj Bhai, apki sabhi post mast hai...Neeraj Bhai, apki sabhi post mast hai...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08135686001598365925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-68124854792135151822016-11-18T14:41:04.709+05:302016-11-18T14:41:04.709+05:30पत्थर पर बैठ कर कितना सुखद लग रहा है। पत्थर पर बैठ कर कितना सुखद लग रहा है। sarvesh n. vashisthahttps://www.blogger.com/profile/16686037734572024428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-8394437713765510172016-11-15T00:23:45.881+05:302016-11-15T00:23:45.881+05:30देवलगढ़ देखना चाहिए था।देवलगढ़ देखना चाहिए था।रमता जोगीhttps://www.blogger.com/profile/16106000791426439119noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-1188663866345520042016-11-12T16:16:45.297+05:302016-11-12T16:16:45.297+05:30यह सर्दियों का इंतज़ाम है। सूखी घास है, जो सर्दियों...यह सर्दियों का इंतज़ाम है। सूखी घास है, जो सर्दियों में जानवरों को खिलाने के काम आयेगी।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-2713161011543076752016-11-12T16:15:35.299+05:302016-11-12T16:15:35.299+05:30अच्छा जी...अच्छा जी...नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-52622965629583839122016-11-12T16:15:07.070+05:302016-11-12T16:15:07.070+05:30पराँठा समय आने पर पर मिलेगा...
आपका बहुत बहुत धन्...पराँठा समय आने पर पर मिलेगा... <br />आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर जी...नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-13600744732920898882016-11-12T16:14:06.787+05:302016-11-12T16:14:06.787+05:30धन्यवाद उमेश जी...धन्यवाद उमेश जी...नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-58961376904915520942016-11-12T16:13:35.296+05:302016-11-12T16:13:35.296+05:30धन्यवाद जी...धन्यवाद जी...नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-52889118763897019072016-11-12T15:52:54.278+05:302016-11-12T15:52:54.278+05:30कोई इधर छुपा, कोई उधर छुपा। इधर छुपने वाले को लगा ...कोई इधर छुपा, कोई उधर छुपा। इधर छुपने वाले को लगा कि उधर वाले ज्यादा सुरक्षित हैं, उधर वाले को लगा इधर वाले मजे में हैं। बड़ी देर तक सब के सब इधर से उधर और उधर से इधर आते-जाते रहे। हमें अच्छा मौका मिला इनके फोटो लेने का। मतलब इंसानों वाली प्रवृत्ति ! बाइक से जाने का ये फायदा होता है , आप हर स्थानीय चीज , जो भी रास्ते में मिलती है , उससे परिचित हो जाते हैं ! ये चार पांच बिटौड़ा से क्या हैं नीरज भाई , जिन पर फूंस लगी है ? Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-80749965445084984762016-11-12T14:46:31.926+05:302016-11-12T14:46:31.926+05:30भाई, इतना छोटा न लिखो।भाई, इतना छोटा न लिखो।bablihttps://www.blogger.com/profile/12588214052577626344noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-79820279816447038692016-11-11T19:54:50.445+05:302016-11-11T19:54:50.445+05:30उत्तराखंड़ का राजकीय पक्षी मोनाल --- एसी जानकारी म...उत्तराखंड़ का राजकीय पक्षी मोनाल --- एसी जानकारी मिलती रही तो ..... बहुत हि अच्छा होगा.... नहीं तो यह जानकारी कहा मिलती !... आज नीरज, तुम्हारे पोस्ट मैं पराठा नजर नही आया.... लेकिन पंछी तो आया विजयकुमार भवारी https://www.blogger.com/profile/14935851368745967586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-12373418054242549032016-11-11T18:58:56.838+05:302016-11-11T18:58:56.838+05:30बहुत अच्छी यात्रा ...बहुत अच्छी यात्रा ...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01919959051870537751noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-81112749528484492692016-11-11T17:57:58.261+05:302016-11-11T17:57:58.261+05:30NAI NAI JAGAHE KHOJ LETE HO
AUR GHOOM LETE HO
WAA...NAI NAI JAGAHE KHOJ LETE HO<br />AUR GHOOM LETE HO <br />WAAH KYA BAAT HAI <br />BHAGWAN SE MAUJ LIKHVA KAR LAAYE HO <br />GREAT KABHI JODHPUR AAO <br />mahendra singhhttps://www.blogger.com/profile/11712369621000251853noreply@blogger.com