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Rajasthan

राजस्थान

क्रम सं.पोस्टप्रकाशन दिनांक
61बाइक यात्रा: रामदेवरा - बीकानेर - राजगढ़ - दिल्ली13 फरवरी, 2017
60वुड़ फॉसिल पार्क, आकल, जैसलमेर9 फरवरी, 2017
59जैसलमेर से तनोट - एक नये रास्ते से6 फरवरी, 2017
58लोद्रवा - थार में एक जैन तीर्थ2 फरवरी, 2017
57कुलधरा: एक वीरान भुतहा गाँव30 जनवरी, 2017
56धनाना में ऊँट-सवारी26 जनवरी, 2017
55धनाना: सम से आगे की दुनिया23 जनवरी, 2017
54राष्ट्रीय मरु उद्यान - डेजर्ट नेशनल पार्क19 जनवरी, 2017
53खुड़ी - जैसलमेर का उभरता पर्यटक स्थल16 जनवरी, 2017
52थार के सुदूर इलाकों में : किराडू - मुनाबाव - म्याजलार12 जनवरी, 2017
51किराडू मंदिर - थार की शान9 जनवरी, 2017
50थार बाइक यात्रा: जोधपुर से बाड़मेर और नाकोड़ा जी6 जनवरी, 2017
49थार बाइक यात्रा - एकलिंगजी, हल्दीघाटी और जोधपुर4 जनवरी, 2017
48थार बाइक यात्रा - भागमभाग2 जनवरी, 2017
47सवाई माधोपुर-जोधपुर-बिलाडा-पुष्कर ट्रेन यात्रा11 दिसंबर, 2015
46मथुरा-जयपुर-सवाई माधोपुर-आगरा पैसेंजर ट्रेन यात्रा5 नवंबर, 2014
45जैसलमेर में दो घण्टे24 जनवरी, 2014
44थार साइकिल यात्रा- लोंगेवाला से जैसलमेर22 जनवरी, 2014
43लोंगेवाला- एक गौरवशाली युद्धक्षेत्र20 जनवरी, 2014
42थार साइकिल यात्रा- तनोट से लोंगेवाला17 जनवरी, 2014
41तनोट15 जनवरी, 2014
40थार साइकिल यात्रा- सानू से तनोट13 जनवरी, 2014
39थार साइकिल यात्रा- जैसलमेर से सानू6 जनवरी, 2014
38थार साइकिल यात्रा का आरम्भ3 जनवरी, 2014
37मेडता रोड से मेडता सिटी रेलबस यात्रा30 अक्टूबर, 2013
36हिसार से मेडता रोड पैसेंजर ट्रेन यात्रा28 अक्टूबर, 2013
35रतलाम से कोटा पैसेंजर ट्रेन यात्रा चित्तौड के रास्ते25 मार्च, 2013
34अहमदाबाद - उदयपुर मीटर गेज रेल यात्रा22 मार्च, 2013
33एक साइकिल यात्रा- जयपुर-किशनगढ-पुष्कर-साम्भर-जयपुर3 जनवरी, 2013
32टहला बांध और अजबगढ28 दिसंबर, 2012
31नीलकण्ठ महादेव मन्दिर- राजस्थान का खजुराहो26 दिसंबर, 2012
30भानगढ- एक शापित स्थान24 दिसंबर, 2012
29साम्भर झील और शाकुम्भरी माता21 दिसंबर, 2012
28पुष्कर- ऊंट नृत्य और सावित्री मन्दिर19 दिसंबर, 2012
27पुष्कर15 दिसंबर, 2012
26और ट्रेन छूट गई13 दिसंबर, 2012
25जयपुर चूरू मीटर गेज ट्रेन यात्रा16 नवंबर, 2012
24दिल्ली जयपुर डबल डेकर ट्रेन यात्रा14 नवंबर, 2012
23भारत परिक्रमा- बारहवां दिन- गुजरात और राजस्थान9 सितंबर, 2012
22दिल्ली से जैसलमेर और मुनाबाव9 अगस्त, 2012
21केरला रेलवे स्टेशन6 मार्च, 2012
20मावली - मारवाड मीटर गेज ट्रेन यात्रा4 मार्च, 2012
19रेवाडी- फुलेरा पैसेंजर ट्रेन यात्रा2 मार्च, 2012
18लोहारू-सीकर मीटर गेज रेल यात्रा22 सितंबर, 2011
17जोधपुर- मुनाबाव रेल लाइन13 जुलाई, 2011
16धौलपुर नैरो गेज29 मई, 2011
15नाहरगढ़ किला, जयपुर1 मार्च, 2011
14सिटी पैलेस, जयपुर27 फरवरी, 2011
13जयपुर का जंतर मंतर20 फरवरी, 2011
12जयपुर की शान हवामहल17 फरवरी, 2011
11जयपुर यात्रा- आमेर किला11 फरवरी, 2011
10टीबी रेलवे स्टेशन20 जनवरी, 2011
9भोजरास रेलवे स्टेशन14 जनवरी, 2011
8उदयपुर- पिछौला झील6 दिसंबर, 2010
7उदयपुर- मोती मगरी और सहेलियों की बाडी1 दिसंबर, 2010
6हल्दीघाटी- जहां इतिहास जीवित है29 नवंबर, 2010
5नाथद्वारा22 नवंबर, 2010
4बीना - कोटा पैसेंजर रेल यात्रा17 नवंबर, 2010
3रेल एडवेंचर- अलवर से आगरा2 जून, 2010
2रेल एडवेंचर- रेवाडी से अलवर31 मई, 2010
1मथुरा-भरतपुर-कोटा-नागदा-रतलाम17 सितंबर, 2009

Comments

  1. http://patelislr.blogspot.in/
    bahut sunder

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  2. राजस्थान आने का विचार हो तो सालासर बालाजी मंदिर की भी यात्रा करे.

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46 रेलवे स्टेशन हैं दिल्ली में

एक बार मैं गोरखपुर से लखनऊ जा रहा था। ट्रेन थी वैशाली एक्सप्रेस, जनरल डिब्बा। जाहिर है कि ज्यादातर यात्री बिहारी ही थे। उतनी भीड नहीं थी, जितनी अक्सर होती है। मैं ऊपर वाली बर्थ पर बैठ गया। नीचे कुछ यात्री बैठे थे जो दिल्ली जा रहे थे। ये लोग मजदूर थे और दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास काम करते थे। इनके साथ कुछ ऐसे भी थे, जो दिल्ली जाकर मजदूर कम्पनी में नये नये भर्ती होने वाले थे। तभी एक ने पूछा कि दिल्ली में कितने रेलवे स्टेशन हैं। दूसरे ने कहा कि एक। तीसरा बोला कि नहीं, तीन हैं, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और निजामुद्दीन। तभी चौथे की आवाज आई कि सराय रोहिल्ला भी तो है। यह बात करीब चार साढे चार साल पुरानी है, उस समय आनन्द विहार की पहचान नहीं थी। आनन्द विहार टर्मिनल तो बाद में बना। उनकी गिनती किसी तरह पांच तक पहुंच गई। इस गिनती को मैं आगे बढा सकता था लेकिन आदतन चुप रहा।

जिम कार्बेट की हिंदी किताबें

इन पुस्तकों का परिचय यह है कि इन्हें जिम कार्बेट ने लिखा है। और जिम कार्बेट का परिचय देने की अक्ल मुझमें नहीं। उनकी तारीफ करने में मैं असमर्थ हूँ क्योंकि मुझे लगता है कि उनकी तारीफ करने में कहीं कोई भूल-चूक न हो जाए। जो भी शब्द उनके लिये प्रयुक्त करूंगा, वे अपर्याप्त होंगे। बस, यह समझ लीजिए कि लिखते समय वे आपके सामने अपना कलेजा निकालकर रख देते हैं। आप उनका लेखन नहीं, सीधे हृदय पढ़ते हैं। लेखन में तो भूल-चूक हो जाती है, हृदय में कोई भूल-चूक नहीं हो सकती। आप उनकी किताबें पढ़िए। कोई भी किताब। वे बचपन से ही जंगलों में रहे हैं। आदमी से ज्यादा जानवरों को जानते थे। उनकी भाषा-बोली समझते थे। कोई जानवर या पक्षी बोल रहा है तो क्या कह रहा है, चल रहा है तो क्या कह रहा है; वे सब समझते थे। वे नरभक्षी तेंदुए से आतंकित जंगल में खुले में एक पेड़ के नीचे सो जाते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि इस पेड़ पर लंगूर हैं और जब तक लंगूर चुप रहेंगे, इसका अर्थ होगा कि तेंदुआ आसपास कहीं नहीं है। कभी वे जंगल में भैंसों के एक खुले बाड़े में भैंसों के बीच में ही सो जाते, कि अगर नरभक्षी आएगा तो भैंसे अपने-आप जगा देंगी।

ट्रेन में बाइक कैसे बुक करें?

अक्सर हमें ट्रेनों में बाइक की बुकिंग करने की आवश्यकता पड़ती है। इस बार मुझे भी पड़ी तो कुछ जानकारियाँ इंटरनेट के माध्यम से जुटायीं। पता चला कि टंकी एकदम खाली होनी चाहिये और बाइक पैक होनी चाहिये - अंग्रेजी में ‘गनी बैग’ कहते हैं और हिंदी में टाट। तो तमाम तरह की परेशानियों के बाद आज आख़िरकार मैं भी अपनी बाइक ट्रेन में बुक करने में सफल रहा। अपना अनुभव और जानकारी आपको भी शेयर कर रहा हूँ। हमारे सामने मुख्य परेशानी यही होती है कि हमें चीजों की जानकारी नहीं होती। ट्रेनों में दो तरह से बाइक बुक की जा सकती है: लगेज के तौर पर और पार्सल के तौर पर। पहले बात करते हैं लगेज के तौर पर बाइक बुक करने का क्या प्रोसीजर है। इसमें आपके पास ट्रेन का आरक्षित टिकट होना चाहिये। यदि आपने रेलवे काउंटर से टिकट लिया है, तब तो वेटिंग टिकट भी चल जायेगा। और अगर आपके पास ऑनलाइन टिकट है, तब या तो कन्फर्म टिकट होना चाहिये या आर.ए.सी.। यानी जब आप स्वयं यात्रा कर रहे हों, और बाइक भी उसी ट्रेन में ले जाना चाहते हों, तो आरक्षित टिकट तो होना ही चाहिये। इसके अलावा बाइक की आर.सी. व आपका कोई पहचान-पत्र भी ज़रूरी है। मतलब