tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post940377486965281445..comments2024-03-11T15:32:30.331+05:30Comments on मुसाफिर हूँ यारों: गुवाहाटी से दिल्ली- एक भयंकर यात्रानीरज मुसाफ़िरhttp://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-25672490152886388352014-05-03T15:55:19.112+05:302014-05-03T15:55:19.112+05:30बहुत हिम्मत का काम है ऐसी यात्रा करना ... हालांकि ...बहुत हिम्मत का काम है ऐसी यात्रा करना ... हालांकि साइकिल की स्थिति से ये तो स्पष्ट है कि आतंकवादी कहीं भी बम फिट करके जा सकते हैं, कोई देखने वाला तक नहीं है...Studenthttps://www.blogger.com/profile/04867194520236676736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-80079392812351802692014-04-27T13:40:48.228+05:302014-04-27T13:40:48.228+05:30गौहाटी प्लेटफॉर्म पर अपने इंतज़ार का जो सजीव वर्णन...गौहाटी प्लेटफॉर्म पर अपने इंतज़ार का जो सजीव वर्णन किया है वह मन को बांध ळेता है। बिहार की भीड़ से बचने की कोशिश में आपने ११ हजार का नुकशान उठाया। पूर्वाग्रह से मुक्ति आसान तो नहीं मगर ध्यान रखना चाहिए,Raravihttps://www.blogger.com/profile/06067833078018520969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-40249279856727518812014-04-24T17:00:14.317+05:302014-04-24T17:00:14.317+05:30विधान जी नौकरी भी तो जरूरी हैविधान जी नौकरी भी तो जरूरी हैराजेश सहरावतhttps://www.blogger.com/profile/12073430498083979014noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-16662482197391233182014-04-24T07:26:41.968+05:302014-04-24T07:26:41.968+05:30साईकिल की फोटो मिस कर दी आपनेसाईकिल की फोटो मिस कर दी आपनेvinay_vdkhttps://www.blogger.com/profile/10045727926917646035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-82980446690436728842014-04-22T10:02:12.197+05:302014-04-22T10:02:12.197+05:30Is baar asali ghumakkadi to cycle ne kee hai.Is baar asali ghumakkadi to cycle ne kee hai.Madanhttps://www.blogger.com/profile/17741994556510239388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-88041580838892665822014-04-21T23:28:39.580+05:302014-04-21T23:28:39.580+05:30सही कहा रितेश। … नीरज का भाग्य अच्छा था जो साइकिल ...सही कहा रितेश। … नीरज का भाग्य अच्छा था जो साइकिल दोबारा मिल गई---क्या रास्तें में .t.t. ने टिकट नहीं पूछा ? काश ,के उस पर कैमरा लगा होता -- दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-11810510769234270942014-04-21T23:23:59.719+05:302014-04-21T23:23:59.719+05:30सारी मिजोरम यात्रा बहुत बढ़िया रही हा, साईकिल ने पर...सारी मिजोरम यात्रा बहुत बढ़िया रही हा, साईकिल ने परेशान जरूर किुया --पर यदि कुछ रूपये साइकिल की दवा -दारु पर भी लगा देते तो यात्रा पूरी हो जाती ---और 'वापसी' इतनी मँहगी पड़ेगी तो शायद कंजूस नीरज कभी मिज़ोरम यात्रा न करता --क्यों नीरज :)दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-50865876269681686992014-04-21T23:19:40.317+05:302014-04-21T23:19:40.317+05:30सही कहा , पोस्ट पढ़ते समय मुझे उसी साइकिल का ध्यान ...सही कहा , पोस्ट पढ़ते समय मुझे उसी साइकिल का ध्यान था की उसकी फोटु तो जरूर लगी होगी। .पर क्यों समझ नहीं आया ???दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-16657006062899315252014-04-21T16:54:08.706+05:302014-04-21T16:54:08.706+05:30नीरज भाई , काश 1 लास्ट फोटो उस बांधी हुई साइकल की...नीरज भाई , काश 1 लास्ट फोटो उस बांधी हुई साइकल की भी लगा देते तो पोस्ट मे चार चांद लग जाते Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-3377338479768659352014-04-19T22:56:30.490+05:302014-04-19T22:56:30.490+05:30अपनी चिंता को इस तरह पेश करना की पढने वाले के चेहर...अपनी चिंता को इस तरह पेश करना की पढने वाले के चेहरे पर मुस्कान दौड़ जाये, मेरी नजर में यही लेखन है।रोहित कल्याणा (Rohit kalyana)https://www.blogger.com/profile/01237054380343004606noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-21532654269653157802014-04-19T19:08:18.536+05:302014-04-19T19:08:18.536+05:30असली घुम्मकडी तो साईकिल कर आई.वो भी अकेले पता नही ...असली घुम्मकडी तो साईकिल कर आई.वो भी अकेले पता नही रास्ते मे क्या क्या सहना पडा होगा.<br />अच्छी यात्रा रही.सचिन त्यागीhttp://sachin3304.blogspot.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-88795021998220954572014-04-18T22:55:29.952+05:302014-04-18T22:55:29.952+05:30गुवाहाटी से दिल्ली भयंकर यात्रा आपके लिए तो बिलकुक...गुवाहाटी से दिल्ली भयंकर यात्रा आपके लिए तो बिलकुक नहीं थी ...........सायकिल के लिए जरूर थी , जिसे लाये तो राजधानी में थे और लेकर गए लेट्रिन के पास लावारिस छोड़ के !! आप तो हवाई जहाज से आये नीरज बाबु !! <br />आपके शब्दों में , "जबकि घुमक्कडी इसके ठीक विपरीत है। यहां पर आप देखेंगे किस तरह कम समय और सस्ते में बेहतरीन घुमक्कडी की जा सकती है।" ये यात्रा खरी नहीं उतरती !! <br />Vidhan Chandrahttps://www.blogger.com/profile/03900326176199958203noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-84301541899464441002014-04-18T19:34:04.672+05:302014-04-18T19:34:04.672+05:30Oh god ????????? Kuch shabd hi nahi he . Padhna aa...Oh god ????????? Kuch shabd hi nahi he . Padhna aacha laga par dukh bhi hua aap ki taklif par . Lekh padh k jarur coment karni chahiae . Coment aapka inam he . Great niraj baba .<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16374667537621830947noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-33189526702821823722014-04-18T14:12:12.083+05:302014-04-18T14:12:12.083+05:30क्या बात है ...... साइकिल को ट्रेन से दिल्ली लाने ...क्या बात है ...... साइकिल को ट्रेन से दिल्ली लाने की युकित अच्छी लगी..... लेख तो हमेशा की तरह शानदार लगा.....<br /><br />Ritesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/08778571076761815036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-70055145449386033672014-04-18T10:59:47.161+05:302014-04-18T10:59:47.161+05:30ha ha ha.
a travel story with a good sense of hum...ha ha ha. <br />a travel story with a good sense of humor. <br />sahi hai neerajbhai, lage raho.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10491774673219797743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-25763614004747651812014-04-18T10:25:51.124+05:302014-04-18T10:25:51.124+05:30साइकिल पर भी गुस्सा आ रहा था- चल तू दिल्ली, देख ते...साइकिल पर भी गुस्सा आ रहा था- चल तू दिल्ली, देख तेरी कैसी हालत बनाता हूं<br />साइकिल ने पूछा- मैं? मैंने कहा- भाड में जाए तू। तुझे हवाई जहाज में तो ले जाने वाला नहीं हूं। <br />चलते समय मैंने इससे हाथ मिलाया और कहा- दिल्ली मिलेंगे।<br /><br />नीरज की इस अजब भाषा -शैली और बेबाक लेखन के ही तो हम जैसे लाखो पाठक कायल है। आपकी इस पोस्ट ने मिजोरम यात्रा पूरी ना होने का सारा गम भुला दिया। <br /> वास्तव मे नीरज भाई अदभुद एवं अविस्मरणीय पोस्ट।<br /> Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07197508454633784900noreply@blogger.com