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आसमानी बिजली के कुछ फोटो

बरसात में जब बिजली चमकती है तो सेकंड के सौवें हिस्से में सबकुछ हो जाता है। पता नहीं लोगबाग इतनी फुर्ती से इनके फोटो कैसे खींच लेते हैं? मैंने भी कोशिश की लेकिन जब तक क्लिक करता, तब तक दो सेकंड बीत जाते। कडकती बिजली के लिये तो दो सेकंड बहुत ज्यादा होते हैं। मुझे हमेशा अन्धेरी रात ही दिखाई देती।
इलाज निकला। कैमरे को ट्राइपॉड पर वीडियो मोड में लगाकर छोड दिया और अन्दर जाकर डिनर करने लगा। वापस आया तो करीब बीस मिनट की वीडियो हाथ लग चुकी थी। इसमें बहुत बढिया बिजली कडकती व गिरती भी कैद हो गई। दो-तीन बार ऐसा किया। आखिरकार उन वीडियो से कुछ फोटो हाथ लगे हैं, क्वालिटी बेशक उतनी अच्छी नहीं है लेकिन बिजली अच्छी लग रही है।

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Comments

  1. ``bahut hi umda taswire!!!!!!
    jaise aasman me atisabari ka najara ho''
    kirti

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  2. सुन्दर प्रस्तुति।
    सुप्रभात।
    आपका दिन मंगलमय हो।

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  3. Aap k dimag ki taarif karni hogi neeraj ...bhai....
    Taswir k liye thanks.........

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  4. transform to electo-valler from traveller. :)

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  5. बहुत सुंदर
    आसमान में बिजली तैर रही है...
    और तकनीक माशा अल्लाह...

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  6. आसमानी आतिशबाज़ी का
    सुंदर व मनमोहक नज़ारे का
    दीदार कराने के लिए शुक्रिया ..
    नीरज जी

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  7. बढिया फोटोज हैं भाई

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  8. घूमक्कडी ज़िंदाबाद नीरज जी! प्रणाम| बहुत बढिया!!! आपकी फोटोग्राफी वाकई लाजवाब है!! आप तो पारस हो| जिस चीज को आप या आपके कदम छू लेते हैं वह सोना बनती‌ है! वाकई! आपके ब्लॉग पढते समय जो आनन्द और सुख मिलता है उससे एक चीज याद आ गई|‌ आपने ध्रुव के पुराने कॉमिक्स जरूर पढे ही होंगे! उन कॉमिक्स में जो गहरा सुख एवम् स्वाद था, वो आपके ब्लॉग में मिलता है! वाकई| आपका ब्लॉग एक मंत्रमुग्ध करनेवाला रिलॅक्सेशन टेक्निक है| और कॉमिक्स की ही भाँति मनोरंजन के साथ ज्ञान एवम् दृष्टिकोण भी देता है| क्या कहें! बहुत बहुत धन्यवाद|

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    1. Ap aj b dhrow k comice padhna chahte h to pyaretoons site pr padh skte ho

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    2. धन्यवाद निरंजन जी...

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  9. lage raho neeraj bhai...rahul sankrityan ke bad ka sthan aap hi ko diya hai maine...aise hi jari rakho apni yatra...safar aur anubhav ka..

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  10. फोटोग्राफी वाकई लाजवाब है!! Neeraj very Good

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  11. ye nature hai...........tumse accha kaun samjh sakta hai

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  12. bhut khubsurat neeraj bhai.akhir mehnat rang layi .

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  13. Bahut khoob neeraj bhai

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  14. नीरज भाई काफी अच्छे फोटो है.. पर ये फोटो कहाँ से खिची गयी है?

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    1. अपनी बालकनी से खींचे हैं अजय भाई... छठीं मंजिल से...

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  15. फोटो एक से एक लाजवाब हैं ..... लेकिन एक दो फोटो अद्वितीय हैं....

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  16. कैमरे को टाई पाद पर वीडियो मोड में लगाकर छोड़ दिया। ---अच्छा लगा। वीडियो से फोटो कैसे बनाई। कृपया बताए।
    धन्यवाद।

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    1. सर्वेश जी... इसके कई तरीके हैं। एक तो कैमरों में भी विकल्प होता है वीडियो के किसी हिस्से को फोटो में बदलने का। फिर कम्प्यूटर तो है ही। कोई भी वीडियो प्ले करो, जहां चाहो वहां pause करके स्क्रीनशॉट ले लो।

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  17. Incredible Photos!!!! Good job done Neeraj.To capture still photos of lightning just put your camera on tripod facing dark sky. Select "P" mode and set shutter speed time to 5-10.However this is possible only on Bridge or DSLR camera.

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  18. Incredible Photos!!!! Good job done Neeraj.To capture still photos of lightning just put your camera on tripod facing dark sky. Select "P" mode and set shutter speed time to 5-10 minutes.However this is possible only on Bridge or DSLR camera.

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    1. समझ गया। होने दो इस बार बारिश। ऐसा ही करके देखूंगा।

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  19. नीरज जी चमकती बिजली को तस्वीरें मे बेखुभी से उतारा है,यह फोटो आपने अपनी पांचवी मंजिल से ही लिया या सबसे ऊपर छत से,

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    1. छठीं मंजिल से... अपनी बालकनी से।

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  20. बहुत सुन्दर तस्वीरें ........ग्रेट जॉब

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  21. आप नीचे दिए लिंक से सॉफ्टवेर डाउनलोड कर सकते हो.
    http://www.dvdvideosoft.com/products/dvd/Free-Video-to-JPG-Converter.htm

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  22. नीरज जी हम आपकी हर पोस्ट बहुत उत्साह से पढते है ओर अच्छा या बुरा जो भी लगता है उसे कमेंट के रूप मे लिखते भी है.

    पहले कोई कमेंट मे आपसे कुछ पुछता था तभी आप उसका जबाव देते थे लेकिन अब हर कमेंट का जबाव दे रहे है,चाहे धन्यवाद ही कहे,यह हम जैसे पाठको के लिए आपके द्वारा दिया गया सबसे बडा उपहार है,
    सभी पाठको के लिए आपसे मुलाकात मुमकिन नही है कोई कही रहता है तो कोई कही पर कमेंटस के जरीए वह आपसे जुडे रहते है.
    धन्यवाद नीरज जी

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    Replies
    1. इसका राज आगामी डायरी के पन्नों में बताऊंगा, सचिन भाई।

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  23. Neeraj bhai aap comment ka jawab de rahe hai..ye hum pathak ka utshavardhan karta hai........comment karne k liye........ye rishta aur v majboot hoga .......shubkamnaao k saat............
    Ranjit....

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    1. रंजीत जी, आप इसी तरह कमेंट कीजिये। मैं हरसम्भव इस रिश्ते को मजबूती दूंगा। धन्यवाद आपका।

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  24. very beautiful photos for a first timer... 2-3 photos are perfect shots. Your idea of making a video of the lightning and then taking jpg out of video is very innovative. But as you know, video filming has lower quality jpgs... what camera does is taking smaller and low quality jpg images 25/sec and then joins them into a film...so obviously the photo taken out of a video will be a little blurry and lower in quality.... Still some of your fotos have good contrast and if you can lower their highlights, the picture will have more contrast.

    The best way is to leave camera for longer shutter Bulb mode or 1 minute mode, by fixing focus at a little less than infinity, with a tripod. that way only the lightning strike will be printed on film, because everything else is black.

    There is a IOS application, very cheap or may be free which can automatically detect the lightning and click the shutter... it is something called lightning trigger switch.

    I have never shot lightning... because here in Iceland Bijli kabhi nahi kadakati... but I have shot Northern lights which also needs some technique same as lightning.... viz. F/11, low ISO may be 100, and longer shutter speed. PP is always required for such fotos.

    I will say commendable job done Neeraj....

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    Replies
    1. हां, तिवारी जी मैं जानता हूं कि वीडियो से फोटो निकालेंगे तो खराब गुणवत्ता ही आयेगी। विधान भाई ने भी सही कहा है कि इन फोटो में मेरा कुछ भी हाथ नहीं है, कुछ भी योग्यता नहीं है। मुझे ट्राइपॉड पर कैमरा रखकर कम शटर स्पीड (4, 5 मिनट) पर फोटो लेने चाहिये थे। सही बताऊं तो यह तकनीक मेरे ध्यान ही नहीं आई। मानसून ने दस्तक दे दी है। बिजलियां फिर कडकेंगी। और मैं वादा करता हूं कि इस बार आपको नीरज के फोटो मिलेंगे, जो निःसन्देह इन झूठे फोटुओं से कई गुने अच्छे होंगे।

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    2. कुछ भी योग्यता नही गलत है... आपका आईडिया नया था.. चित्र अच्छे आये पहली बार के हिसाब से तो कह सकते है कमाल के...कैमरे व तकनीक का रोल 50 प्र.श. होता है.... कैमरे के पीछे का जो दिमाग होता है...चित्र का कम्पोजीशन करना उसे एक सराहनीय चित्र बनाना वो बहुत जरूरी है.. .. जो भी महान फोटोग्राफर होते हैं... वो तकनीक का इस्तेमाल बाद में शुरू करते है..दिमाग और सृजनशीलता का पहले...
      मुझे अच्छा लगा कि मेरी सलाह का बुरा न मान कर उस पर अमल कर दिया और देखो लोग तुम्हारे उत्तर पा कर कितने खुश है....

      रंगो के दंगे वाले तुम्हारे चित्रों का इन्तजार कर रहे है..

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  25. बहुत खूब नीरज भाई....चाहे कोई भी तरीका अपनाया हो पर कड़कती बिजली के फोटो हमे बहुत अच्छी लगी... |

    कड़कती बिजली के फोटो देखकर मुझे एक छोटी सी घटना याद आ गयी...... अभी कुछ दिनों पहले हम लोग दार्जिलिंग के चाय बागान में घूम रहे थे और बारिश से बचने के लिए छाता लिए हुए ..... तभी तेज बारिश के बीच बहुत तेज आवाज (कड़कने की ऐसी आवाज तो मैंने पहले कभी नहीं सुनी ) के साथ बिजली कड़कने लगी .... और तभी मेरा और जिन लोगो के हाथ में छाता था सभी के हाथ झन्ना गया ......

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  26. neeraj bhai apka postal address likhiye

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  27. चमचमाती बिजली को विडियो में कैद करना फिर उससे फोटो निकालना, ये तो वही बात हो गई...जैसे दूध से पनीर निकालना।

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  28. Neeraj...bhai..bijli dikha k aap kahan bijli ki thrah gum ho gaye hai..........
    Ranjit.....

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  29. Well captured pics of lightning. keep it up neerajji. :)

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  30. Well captured pics of lightning. keep it up neerajji. :) regular reader of your blog-Rajni

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  31. अरे दिमाग ख़राब हो गया है इतने दिन से अपने कोई पोस्ट नहीं डाली है

    पिछली पोस्ट 27/06/2014 की थी

    अब कितने दिन और इंतज़ार करना पड़ेगा अगली पोस्ट के लिए.

    सुबह ऑफिस आते ही लैपटॉप ऑन करके सबसे पहले मनु जी और आपकी पोस्ट खोलता हूँ उनकी पोस्ट तो लगातार आ रही है और ठस पड़े हो ...

    महाराज कोई नयी पोस्ट भी डालो

    में तरस रहा हूँ

    धन्यवाद

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  32. Neeraj...bhai...
    Kahan ho aap.....
    Kiya apne pathak se milne ka man nahi kar raha hai..kiya....
    Bahut din ho gaye maharaj .....
    Ab to darsan dijiye.....
    Aap ki kusalta ki kamna karte hai.............
    Ranjit......

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  33. Neeraj...bhai...

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  34. NEERAJ BHAI KAHAN HO AAP SARE PATHAK DUKHI HAIN

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  35. सुन्दर अतिसुन्दर तस्वीरें !!

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  36. आपने तो कमाल कर दिया बिजली को कैद कर दिया
    http://photo2rsd.blogspot.com/ मैँ ऐसा नहीँ कर पाया

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  37. missing ur post neeraj..........

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  38. बहुत सुंदर चित्र के लिए बधाई व आभार आदरणीय नीरज जी!
    धरती की गोद

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  39. उम्दा और बेहतरीन... आप को स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत बधाई...
    नयी पोस्ट@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ

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  40. बेहतरीन आकाशिय दामिनी की छवियो के लिए बहुत आभार /

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  41. mrng gu8 ni ho rhi ji, ankhe v ku6 ach6a pdne ka itejar kr rhi h

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  42. घुमक्कडी ज़िंदाबाद नीरज जी! प्रणाम! आप कैसे हैं और कहाँ हैं? किन वादियों में हैं? इतने दिनों से आपका ब्लॉग न आने से कुछ चिंता हो रही है| आशा है कि आप स्वस्थ एवम् सकुशल होंगे| आपकी अनुपस्थिति का कारण कहीं यह तो नही- आपकी शादी तो नही हुई है? फिर और चिंता होगी| :)‌ मेरी यह टिप्पणि आप प्रातिनिधिक मानिए| आपकी प्रतीक्षा में| - निरंजन.

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  43. Neeraj bhai ab please wapas aa jaoo.

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  44. किसी किसी के हाथ मं प्रकृति प्रदत्त हुनर होता है, ऐसा ही कुछ नीरज जी को भगवान ने खुले हाथ दिया है और जनाब नीरज जी उसका उपयोग भी दिल खोल कर कर रहें हैं। फोटो चाहे आसमानी बिजली की हो या प्रकृति के अन्य नजारे, अपने आप में अद्भुत होती हैं।

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  45. नीरज सर ...
    क्या लिखूँ..कुछ समझ में नहीं आता ....आपका वो यमुनोत्री वाला विवरण,आपका वो रूपकुंड का यात्रा वृतांत..या हिमालय को छोड़कर किसी और जगह की गयी घुमक्कड़ी..पता नहीं कितनी बार आपका ब्लॉग खोला और फिर पढता गया यमुनोत्री का विवरण ..वो चौकीदार ..वो नेपाली ....खैर वजह जो भी हो चाहे जाट देवता संदीप जी से विवाद या आपका लैपटॉप ख़राब होना...हमें नहीं पता..किसी के मित्रता के बीच कोई टिप्पणी करना ये भी अपने प्रकृति के अनुरूप नहीं है ..आपसे बस इतनी गुज़ारिश है की लिखते रहिये.. तकनीकी या विवाद के कारण अपनी घुमक्क्ड़ी को शब्दों से वंचित करना एक तरह का जुल्म करना ही है .........आज भी आपके आवास के आस पास से लौट गया मै...पर अगली बार मै आऊंगा जरूर आपको मनाने के लिए ..हुक्म करिये क्या लाऊ..



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  46. नीरज कहा गायब है ---कुछ तो बता

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  47. तारीफ तो करनी ही होगी आप की इस तकनीक की!
    मगर अाजकल हो कहाँ?

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  48. 1 October se blog shuru ho
    raha hai lekin abhi bhi 2-4 din aur lag
    sakte hai
    bhai mere ab to 2 din v ho gye aur 4 bhi...
    injar ka fal mitha hota hai bhai pr jayada intjar se fal sad v jata h.

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46 रेलवे स्टेशन हैं दिल्ली में

एक बार मैं गोरखपुर से लखनऊ जा रहा था। ट्रेन थी वैशाली एक्सप्रेस, जनरल डिब्बा। जाहिर है कि ज्यादातर यात्री बिहारी ही थे। उतनी भीड नहीं थी, जितनी अक्सर होती है। मैं ऊपर वाली बर्थ पर बैठ गया। नीचे कुछ यात्री बैठे थे जो दिल्ली जा रहे थे। ये लोग मजदूर थे और दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास काम करते थे। इनके साथ कुछ ऐसे भी थे, जो दिल्ली जाकर मजदूर कम्पनी में नये नये भर्ती होने वाले थे। तभी एक ने पूछा कि दिल्ली में कितने रेलवे स्टेशन हैं। दूसरे ने कहा कि एक। तीसरा बोला कि नहीं, तीन हैं, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और निजामुद्दीन। तभी चौथे की आवाज आई कि सराय रोहिल्ला भी तो है। यह बात करीब चार साढे चार साल पुरानी है, उस समय आनन्द विहार की पहचान नहीं थी। आनन्द विहार टर्मिनल तो बाद में बना। उनकी गिनती किसी तरह पांच तक पहुंच गई। इस गिनती को मैं आगे बढा सकता था लेकिन आदतन चुप रहा।

जिम कार्बेट की हिंदी किताबें

इन पुस्तकों का परिचय यह है कि इन्हें जिम कार्बेट ने लिखा है। और जिम कार्बेट का परिचय देने की अक्ल मुझमें नहीं। उनकी तारीफ करने में मैं असमर्थ हूँ क्योंकि मुझे लगता है कि उनकी तारीफ करने में कहीं कोई भूल-चूक न हो जाए। जो भी शब्द उनके लिये प्रयुक्त करूंगा, वे अपर्याप्त होंगे। बस, यह समझ लीजिए कि लिखते समय वे आपके सामने अपना कलेजा निकालकर रख देते हैं। आप उनका लेखन नहीं, सीधे हृदय पढ़ते हैं। लेखन में तो भूल-चूक हो जाती है, हृदय में कोई भूल-चूक नहीं हो सकती। आप उनकी किताबें पढ़िए। कोई भी किताब। वे बचपन से ही जंगलों में रहे हैं। आदमी से ज्यादा जानवरों को जानते थे। उनकी भाषा-बोली समझते थे। कोई जानवर या पक्षी बोल रहा है तो क्या कह रहा है, चल रहा है तो क्या कह रहा है; वे सब समझते थे। वे नरभक्षी तेंदुए से आतंकित जंगल में खुले में एक पेड़ के नीचे सो जाते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि इस पेड़ पर लंगूर हैं और जब तक लंगूर चुप रहेंगे, इसका अर्थ होगा कि तेंदुआ आसपास कहीं नहीं है। कभी वे जंगल में भैंसों के एक खुले बाड़े में भैंसों के बीच में ही सो जाते, कि अगर नरभक्षी आएगा तो भैंसे अपने-आप जगा देंगी।

ट्रेन में बाइक कैसे बुक करें?

अक्सर हमें ट्रेनों में बाइक की बुकिंग करने की आवश्यकता पड़ती है। इस बार मुझे भी पड़ी तो कुछ जानकारियाँ इंटरनेट के माध्यम से जुटायीं। पता चला कि टंकी एकदम खाली होनी चाहिये और बाइक पैक होनी चाहिये - अंग्रेजी में ‘गनी बैग’ कहते हैं और हिंदी में टाट। तो तमाम तरह की परेशानियों के बाद आज आख़िरकार मैं भी अपनी बाइक ट्रेन में बुक करने में सफल रहा। अपना अनुभव और जानकारी आपको भी शेयर कर रहा हूँ। हमारे सामने मुख्य परेशानी यही होती है कि हमें चीजों की जानकारी नहीं होती। ट्रेनों में दो तरह से बाइक बुक की जा सकती है: लगेज के तौर पर और पार्सल के तौर पर। पहले बात करते हैं लगेज के तौर पर बाइक बुक करने का क्या प्रोसीजर है। इसमें आपके पास ट्रेन का आरक्षित टिकट होना चाहिये। यदि आपने रेलवे काउंटर से टिकट लिया है, तब तो वेटिंग टिकट भी चल जायेगा। और अगर आपके पास ऑनलाइन टिकट है, तब या तो कन्फर्म टिकट होना चाहिये या आर.ए.सी.। यानी जब आप स्वयं यात्रा कर रहे हों, और बाइक भी उसी ट्रेन में ले जाना चाहते हों, तो आरक्षित टिकट तो होना ही चाहिये। इसके अलावा बाइक की आर.सी. व आपका कोई पहचान-पत्र भी ज़रूरी है। मतलब