देवप्रयाग से वापस आकर जब मैंने अपने एक बिहारी दोस्त से बताया कि मैं देवप्रयाग से आया हूँ तो वो बोला कि -"अच्छा, तो तू इलाहाबाद भी घूम आया।" मैंने कहा कि नहीं भाई, मैं इलाहाबाद नहीं, देवप्रयाग गया था। बोला कि हाँ हाँ, एक ही बात तो है। इलाहाबाद को प्रयाग भी कहते हैं। अब तू उसे देवप्रयाग कह, शिवप्रयाग कह या रामप्रयाग कह। तेरी मर्जी। घरवालों, घरवाली, बॉस व ऑफिस में डूबे रहने वाले कुँए के मेंढकों को क्या मालूम कि इलाहाबाद के प्रयाग की ही तरह और भी प्रयाग हैं जिनमे से गढ़वाल के पांच प्रयाग प्रमुख हैं। प्रयाग कहते हैं जहाँ दो नदियाँ मिलती हैं। इसे संगम भी कहते हैं। इलाहाबाद में गंगा और यमुना मिलती हैं तो देवप्रयाग में भागीरथी व अलकनंदा का संगम होता है और यहाँ से आगे दोनों नदियों की जो सम्मिलित धारा बहती है उसे गंगा कहते हैं। भागीरथी तो आती है गोमुख-गंगोत्री से और अलकनंदा आती है बद्रीनाथ से।
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग